निधिवन : 10 अद्भुत और अनोखे रहस्य । Nidhivan : Dus anokhe aur adbhut rahasya in hindi
निधिवन : अद्भुत और रहस्यमयी
निधिवन |
श्री कृष्ण और राधा रानी के भक्तों के लिए वृंदावन बहुत ही पवित्र और पूजनीय तीर्थ स्थल है। यह तीर्थ स्थल एक और कारण से और भी खास हो जाता है, कारण है यहां स्थित ' निधिवन '। श्री राधा कृष्ण के भक्तों के लिए निधिवन एक बहुत ही पवित्र स्थल है। यहां हर रोज हजारों भक्त अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंचते हैं।
निधिवन का पूरा क्षेत्र पवित्र और पूजनीय होने के साथ-साथ अपने आप में बहुत से रहस्य भी छुपाए हुए हैं।
आइए जानते हैं पवित्र निधिवन के 10 अद्भुत और अनोखे रहस्य के बारे में :
1. धार्मिक नगरी वृंदावन में निधिवन एक अत्यंत पवित्र और रहस्यमई स्थान है। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्री कृष्ण, राधा एवं गोपियों के साथ आज भी अर्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं।
2. संध्या के बाद निधिवन को बंद कर दिया जाता है और कोई भी या नहीं रहता है। पशु-पक्षी , परिसर में दिनभर दिखाई देने वाले बंदर , भक्त , पुजारी इत्यादि सभी यहां से चले जाते हैं और परिसर के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया जाता है।
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महारास |
3. प्रतिदिन , रात्रि में होने वाले श्री कृष्ण की रासलीला को देखने वाला अंधा , गूंगा , बहरा , पागल और उन्मादी हो जाता है ताकि वह इस रासलीला के बारे में किसी को बता ना सके ।
4. निधिवन में स्थित रंग - महल के बारे में मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण एवं राधा रास रचाने के बाद यहां आकर विश्राम करते हैं ।
5. रंग - महल में उनके लिए सेज सजाई जाती है। यहां रखे चंदन के पलंग को शाम 7:00 बजे से पहले सजा दिया जाता है । पलंग के पास एक लोटा जल , राधा जी के श्रृंगार का सामान और दातुन संग पान रख दिया जाता है।
6. सुबह 5:00 बजे जब रंग- महल का पट खुलता है तो बिस्तर अस्त-व्यस्त , लोटे का पानी खाली , दातुन चबाई हुई और पान खाया हुआ मिलता है।
निधिवन |
7. निधिवन में बड़ी संख्या में तुलसी के पेड़ लगे हुए हैं। यहां सभी तुलसी के पेड़ जोड़े से लगे हुए हैं ।कहा जाता है कि यह तुलसी के पेड़ रात को गोपिया बन जाते हैं और जैसे ही सुबह होती है ये फिर से तुलसी के पेड़ बन जाते हैं।
8. मान्यता यह भी है कि यहां से कोई तुलसी की एक डंडी भी ले जा नहीं सकता है । यहां के लोगों का कहना है कि जो लोग भी यहां से तुलसी के पत्ते या उसकी डंडी लेकर गए वे किसी ना किसी आपदा का शिकार हो जाते हैं।
9. लगभग दो - ढाई एकड़ क्षेत्रफल में फैले निधिवन के वृक्षों की खासियत यह है कि इनमें से किसी भी वृक्ष के तने सीधे नहीं मिलेंगे तथा इन वृक्षों की डालिया नीचे की ओर झुकी तथा आपस में गुंथी हुई प्रतीत होती है।
10. निधिवन परिसर में ही संगीत सम्राट एवं धुपद के जनक श्री स्वामी हरिदास जी की जीवित समाधि , बांके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल , राधारानी, बंसी चोर तथा विशाखा कुंड स्थित है । विशाखा कुंड के बारे में मान्यता है कि राधा रानी की सखी विशाखा की प्यास बुझाने के लिए श्रीकृष्ण ने अपने बंसी से खोदकर इस कुंड को निर्मित किया था।
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विशाखा कुंड |
निधिवन, सचमुच ही एक अत्यंत पवित्र ,मनमोहक तथा रहस्यमई स्थान है। यहां के कण-कण में हमें राधा- रानी तथा कृष्ण के मौजूदगी का एहसास होता है।
Nice post
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